AIIMS के वरिष्ठ विशेषज्ञ की चेतावनी
हेल्थडेस्क NBC UP/UK
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सहित उत्तर भारत में कंजंक्टिवाइटिस (आई फ्लू) के मामले बढ़ रहे हैं, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान-एम्स के वरिष्ठ डॉक्टर ने आंखों के इलाज के लिए स्टेरॉयड के इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी दी है।
संवाददाता से बात करते हुए एम्स के डॉ. राजेंद्र प्रसाद नेत्र विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉ. जेएस टिटियाल ने कहा कि आंखों में स्टेरॉयड युक्त आई ड्रॉप के दो सप्ताह के उपयोग के बाद कॉर्निया पर धब्बे विकसित होने और आंखों का दबाव बढ़ने का खतरा रहता है।
उन्होंने कहा कि एम्स ने अपने उपचार प्रोटोकॉल में स्टेरॉयड को शामिल नहीं किया है और इसे केवल अत्यंत आवश्यक होने पर ही मरीजों को दिया जाना चाहिए। डॉ. जेएस टिटियाल ने कहा कि स्टेरॉयड देने से मरीजों को जल्द राहत तो मिल सकती है लेकिन बाद में आंखें खराब होने और रोशनी कमजोर होने का खतरा रहता है।
एंटीबायोटिक दवाओं के इस्तेमाल पर उन्होंने कहा कि इसका इस्तेमाल भी सही तरीके से किया जाना चाहिए. विशेषज्ञों ने लोगों को यह भी सलाह दी कि अगर एक ही परिवार में अधिक प्रभावित लोग हों तो एक ही आई ड्रॉप न डालें। श्री जेएस टिटियाल ने कहा कि क्रॉस-संक्रमण का खतरा है और प्रत्येक रोगी को अलग-अलग आई ड्रॉप का उपयोग करना चाहिए।