World Population Day ,विश्व जनसंख्या दिवस या अंतरराष्ट्रीय जनसंख्या दिवस 11 जुलाई को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य वैश्विक जनसंख्या मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को परिवार नियोजन, लैंगिक समानता और प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में शिक्षित करना है।
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत की जनसंख्या 2024 में 1.45 अरब तक पहुंच सकती है। वहीं, 2054 में यह बढ़कर 1.69 अरब तक पहुंच जाएगी। इसके अनुसार यह भी अनुमान है कि सदी के अंत तक 2100 में भारत की आबादी घटकर 1.5 अरब हो जाएगी, लेकिन इसके बावजूद यह दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश बना रहेगा।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि भारत की जनसंख्या 2060 के दशक की शुरुआत में लगभग 1.7 अरब तक पहुंच जाने का अनुमान है और इसके बाद इसमें 12 प्रतिशत की कमी आएगी, लेकिन इसके बावजूद यह पूरी शताब्दी के दौरान विश्व में सबसे अधिक आबादी वाला देश बना रहेगा। बृहस्पतिवार को यहां जारी ‘वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रॉस्पेक्ट्स 2024’ रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले 50-60 वर्षों के दौरान दुनिया की जनसंख्या में वृद्धि जारी रहने का अनुमान है और 2024 में यह 8.2 अरब तक पहुंच जाएगी, जबकि 2080 के दशक के मध्य तक लगभग दुनिया की आबादी लगभग 10.3 अरब हो जाएगी।
भारत की जनसंख्या के अनुमान पर पीटीआई- द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए संयुक्त राष्ट्र डीईएसए के जनसंख्या प्रभाग की वरिष्ठ अधिकारी क्लेयर मेनोजी ने कहा, भारत वर्तमान में जनसंख्या के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा देश है और पूरी शताब्दी में इसके शीर्ष पर ही बने रहने का अनुमान है।
हालांकि, चरम स्थिति पर पहुंचने के बाद वैश्विक जनसंख्या में धीरे-धीरे गिरावट आने का अनुमान है और यह सदी के अंत तक घटकर 10.2 अरब रह जाएगी। भारत पिछले साल चीन को पीछे छोड़कर विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन गया था और 2100 तक यह उसी स्थान पर बना रहेगा। संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग (डीईएसए) के जनसंख्या प्रभाग द्वारा प्रकाशित संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है, इस शताब्दी में भारत के सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बने रहने की संभावना है, हालांकि 2060 के दशक की शुरुआत में इसकी आबादी लगभग 1.7 अरब तक पहुंचने के बाद इसमें 12 प्रतिशत की गिरावट आने का भी अनुमान है।’’