गूगल की इस याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र गवर्नमेंट और दिल्ली गवर्नमेंट से मांगा जवाब…

सोशल मीडिया और OTT प्लेटफॉर्म के लिए इंडिया गवर्नमेंट की नई गाइडलाइन लागू की जा चुकी है। कुछ दिनों तक हुए बवाल के उपरांत सभी सोशल मीडिया कंपनियों ने नए नियम को अपने प्लेटफॉर्म पर लागू किया है। इसी बीच गूगल ने बोला है कि इंडिया गवर्नमेंट के नए नियम सर्च इंजन पर लागू नहीं होने वाले। गूगल ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए बोला है कि उसके मामले को अलग से देखा जाए। गूगल ने अपनी याचिका में बोला है कि वह एक सर्च इंजन है ना कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, इसलिए उसके ऊपर नए कानून लागू नहीं किए जा सकते है। गूगल की इस याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र गवर्नमेंट और दिल्ली गवर्नमेंट से जवाब मांगा है। केस की अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी।

June 8, 2019 Mountain View / CA / USA – Google office building in the Company’s campus in Silicon Valley; The “double o’s” of the logo are decorated in rainbow colors in honor of LGBTQ Rights


GOOGLE ने दिल्ली हाईकोर्ट में एकल न्यायाधीश के इस आदेश को रद्द करने की अपील की है जिसके तहत इंटरनेट से आपत्तिजनक सामग्री को हटाने की बात बोली है। एकल न्यायाधीश की पीठ ने उस केस की सुनवाई के दौरान यह निर्णय सुनाया था, जिसमें एक महिला की फोटोज कुछ बदमाशों ने अश्लील (पॉनग्रैफिक) सामग्री दिखाने वाली एक वेबसाइट पर अपलोड की गई थी और उन्हें अदालत के आदेशों के बावजूद वर्ल्ड वाइड वेब से पूरी तरह हटाया नहीं जा सका था एवं इन फोटोज को अन्य साइट पर फिर से पोस्ट कर दिया गया था।

 
गूगल की ओर से बोला गया है कि वह सोशल मीडिया कंपनी नहीं है। ऐसे में शिकायत के उपरांत 24 घंटे के भीतर किसी कंटेंट को हटाने के लिए उस पर दबाव नहीं बनाया जा सकता, क्योंकि वह नए कानून के दायरे में नहीं आते। गूगल ने दावा किया है कि एकल न्यायाशीश ने 20 अप्रैल के अपने आदेश में नए नियम के मुताबिक ‘सोशल मीडिया मध्यस्थ’ या ‘महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थ’ के तौर पर उसके सर्च इंजन का ‘‘गलत चित्रण’’ किया।

प्रधान न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने केंद्र, दिल्ली गवर्नमेंट, इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, फेसबुक, अश्लील सामग्री दिखाने वाली (पॉर्नग्रैफिक) साइट और उस महिला को नोटिस भेज दिया गया है, जिसकी याचिका पर एकल न्यायाधीश ने आदेश जारी किया था। पीठ ने उनसे 25 जुलाई तक गूगल की याचिका पर अपना जवाब देने की बात बोली है। अदालत ने यह भी कहा कि वह इस चरण अभी कोई अंतरिम आदेश नहीं देने वाली है।

उसने याचिका में बोला गया है, ‘‘एकल न्यायाशीश ने याचिकाकर्ता सर्च इंजन पर नए रूल्स  2021 गलत तरीके से लागू किए और उनकी गलत व्याख्या की। जिसके अतिरिक्त एकल न्यायाधीश ने IT अधिनियम की विभिन्न धाराओं और विभिन्न नियमों को समेकित किया है और ऐसे सभी आदेशों एवं प्रावधानों को मिलाकर आदेश पारित किए है, जो कानून में सही नहीं है।’’

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