वैश्विक पर्यावरण और स्वच्छता अभियान में भारत के अघोषित राजदूत थे पाठकजी
nbc digital Aug15
स्वच्छ भारत अभियान से बहुत पहले सफाई और पर्यावरण के प्रति अपने समर्पण और जुनून से दुनिया भर में नाम कमाने वाले पद्मभूषण विन्देश्वरी पाठक का आज निधन हो गया।
15 अगस्त के एक कार्यक्रम में आज सुबह ही उन्होंने झंडारोहण भी किया था। अचानक हुई उनकी मौत से लोग स्तब्ध है। उन्होंने हज़ारों घरों को रोजगार उपलब्ध कराया है।
श्री पाठक सामाजिक सरोकारों से वास्ता रखने वाले उद्यमी थे। वह सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक थे , जो एक सेवा संगठन है और शिक्षा के माध्यम से मानव अधिकारों, पर्यावरण स्वच्छता, ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोतों, अपशिष्ट प्रबंधन और सामाजिक सुधारों को बढ़ावा देने के लिए काम करता है।
उनकी प्रसिद्धि का अनुमान इसी बात से लगता है कि 2016 में न्यूयॉर्क शहर के मेयर ब्लासियो ने 14 अप्रैल को पाठक दिवस के रूप में घोषित किया था।
2003 में उनका नाम ग्लोबल 500 रोल ऑफ ऑनर में जोड़ा गया । बिंदेश्वर पाठक को एनर्जी ग्लोब अवार्ड, और सर्वोत्तम प्रथाओं के लिए दुबई अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला।इंडियन अफेयर्स सोशल रिफॉर्मर ऑफ द ईयर, 2017 में नामित किया गया था । जून 2018 में उन्हें टोक्यो, जापान में निक्केई इंक द्वारा संस्कृति और समुदाय के लिए निक्केई एशिया पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
जून 2013 में विश्व पर्यावरण दिवस से पहले उन्हें पेरिस में फ्रांसीसी सीनेट से लीजेंड ऑफ प्लैनेट पुरस्कार भी मिला। मॉरीशस में चौथे विश्व भोजपुरी सम्मेलन में उन्हें अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी सम्मान प्रदान किया गया ।
2014 में, उन्हें “सामाजिक विकास के क्षेत्र में उत्कृष्टता” के लिए सरदार पटेल अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 12 जुलाई 2017 को, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर पाठक की पुस्तक द मेकिंग ऑफ ए लीजेंड को नई दिल्ली में लॉन्च किया गया था।
2020 में ‘नमस्ते, बिंदेश्वर पाठक!’ एक सामाजिक नवप्रवर्तक के रूप में उनके काम का विवरण देने वाली एक प्रेरक पुस्तक प्रकाशित हुई थी।