मुकेश दलाल से पहले भी निर्विरोध चुने जा चुके है कई सांसद. आप भी जानिए कैसे?

Mukesh Dalal of Surat elected as MP unopposed

गुजरात : 64 साल पहले राज्य का गठन होने के बाद से यह पहला अवसर है, जब किसी लोकसभा प्रत्याशी ने निर्विरोध चुने जाने का कीर्तिमान बनाया हो। सूरत लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के मुकेश दलाल को सोमवार को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया जा चुका है। हालांकि, गुजरात का गठन होने से पहले पूर्ववर्ती सौराष्ट्र प्रांत में 1951 में इसी तरह का उदाहरण देखने को मिला था.

ऐसा पहली बार हुआ है कि अप्रैल 1980 में स्थापित हुई भाजपा के किसी उम्मीदवार ने बिना चुनावी मुकाबले के संसद के निचले सदन में प्रवेश कर लिया है. सूरत निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन पत्र रद्द होने और अन्य उम्मीदवारों के नाम वापस लिए जाने के बाद सोमवार को दलाल को इस सीट से निर्वाचित घोषित कर दिया गया.

जिला निर्वाचन कार्यालय के अनुसार, दलाल को छोड़कर सूरत लोकसभा सीट के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने वाले सभी आठ उम्मीदवारों ने अंतिम दिन अपना नाम वापस ले लिया जिनमें चार निर्दलीय, तीन छोटे दलों के नेता और बहुजन समाज पार्टी के प्यारेलाल भारती शामिल है

पहले सौराष्ट्र 1948 से 1956 के बीच एक अलग प्रांत था. निर्वाचन आयोग के डेटा से प्रदर्शित होता है कि तत्कालीन हलार लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हुए थे.

पूर्ववर्ती नवानगर रियासत के शासकों के वंशज, हिम्मतसिंहजी ने भारत के पहले उप रक्षा मंत्री और फिर हिमाचल प्रदेश (जो 1971 में पूर्ण राज्य बना) के प्रथम उप राज्यपाल के रूप में सेवाएं दी थीं. सूरत सीट पर सात मई को मतदान होना था.

स्वतंत्र भारत में, 1951-52 में हुए पहले आम चुनाव में मेजर जनरल एम एस हिम्मतसिंहजी ने तत्कालीन सौराष्ट्र प्रांत की हलार सीट बिना किसी मुकाबले के जीती थी. इस निर्वाचन क्षेत्र के तहत वर्तमान के जामनगर, देवभूमि द्वारका, मोरबी और राजकोट जिलों के इलाके आते थे. सौराष्ट्र 1960 में गुजरात का हिस्सा बन गया.

दलाल के यह उपलब्धि हासिल करने से करीब 35 साल पहले, नेशनल कांफ्रेंस के मोहम्मद शफी भट 1989 के लोकसभा चुनाव में श्रीनगर सीट से निर्विरोध निर्वाचित घोषित किये गए थे. इसके बाद, 2012 में समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव कन्नौज लोकसभा सीट पर उपचुनाव में निर्विरोध निर्वाचित घोषित की गई थीं.

निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, प्रथम लोकसभा चुनाव के बाद, दलाल से पहले 25 उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हुए थे, जिनमें से ज्यादातर कांग्रेस के थे.

निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि सूरत सीट से कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुम्भाणी का नामांकन प्रस्तावकों के हस्ताक्षर में प्रथम दृष्टया विसंगति होने के बाद रविवार को रद्द कर दिया गया था. पार्टी के वैकल्पिक उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल करने वाले सुरेश पडसाला का नामांकन पत्र भी रद्द कर दिया गया था.

input credit.- sumit

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