पिछड़ों का निकाय चुनाव में आरक्षण तय करने संबंधी अध्यादेश को कैबिनेट ने दिखाई हरी झंडी

चुनावी सरगर्मी तेज

नगर निकाय चुनाव में पिछड़ों समेत सभी वर्गो के लिए सीटों का आरक्षण तय करने के लिए सरकार अध्यादेश लाएगी। प्रस्तावित अध्यादेश के मसौदे को कैबिनेट ने बुधवार को मंजूरी दे दी है। इसे राज्यपाल को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

सरकार ने तय किया है कि निकाय चुनाव में पिछड़ा समेत सभी वर्गो को नियमानुसार आरक्षण दिया जाए। निकायों के अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश को कैबिनेट ने पास कर दिया है। इसे राज्यपाल को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। वहां से इसे नोटिफाई करने के बाद आरक्षण की नई व्यवस्था लागू हो जाएगी और निकाय प्रमुखों के प्रस्तावित आरक्षण जारी कर दिए जाएंगे।

नगर विकास मंत्री एके शर्मा

मंत्री ने बताया कि पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के मद्देनजर नगर पालिका परिषद और नगर निगम अधिनियम में संशोधन करने की जरूरत थी। इसके लिए कैबिनेट से अनुमति मांगी गई थी जो मिल गई है। इसे अब राज्यपाल को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि इस संबंध में गुरुवार को जानकारी दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने दो दिन में अधिसूचना जारी करने से संबंधित प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए थे। इसलिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

नगर विकास मंत्री ने कहा है कि अध्यादेश को राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद नगर निगमों में महापौर और नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों में अध्यक्ष की सीटों का आरक्षण किया जाएगा। सीटों के आरक्षण प्रक्रिया पूरी करने के बाद इसकी अंतिम अधिसूचना जारी की जाएगी। निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होने से संबंधित सवाल के जवाब में नगर विकास मंत्री ने कहा कि यह काम राज्य निर्वाचन आयोग का है। सरकार के स्तर पर होने वाले काम जल्द पूरा किए जाएंगे।

शहरी निकायों के चुनाव में ओबीसी आरक्षण इस बार ट्रिपल टेस्ट के लिए बनी समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के आधार पर दिया जाना है। लिहाजा, आरक्षण देने की पुरानी व्यवस्था में बदलाव होना आवश्यक था। इसके लिए नगर विकास विभाग ने बुधवार को कैबिनेट में नगर पालिका अधिनियम 1916 और नगर निगम अधिनियम 1959 की मौजूदा व्यवस्था में संशोधन के लिए अध्यादेश प्रस्ताव कैबिनेट के सामने पेश किया था, जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दी दी है। अब बदली व्यवस्था के मुताबिक, समर्पित आयोग की सिफारिशों के आधार पर निकाय प्रमुखों का आरक्षण तय किया जाएगा।

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