केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान स्तनपान कराने वाली माताओं (Lactating Mothers) को ‘वर्क फ्रॉम होम’ देने के लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को एक परामर्श जारी किया है. केंद्र ने सलाह दी है कि कोरोना महामारी के दौरान ऐसी माताओं को बच्चे के जन्म की तारीख से कम से कम एक साल तक घर से काम करने की इजाजत दी जानी चाहिए.
श्रम और रोजगार मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कोरोना संकट के दौरान मजदूरों, खासकर अपना दूध पिलाने वाली माताओं की रक्षा के लिए उठाए नए कदमों के तहत सरकार ने सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को एक परामर्श जारी करते हुए स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए घर से काम करने की व्यवस्था को प्रोत्साहित करने की हिदायत दी है. बयान में कहा गया कि मातृत्व लाभ (संशोधन) अधिनियम, 2017 की धारा 5 के तहत स्तनपान कराने वाली माताओं को घर से काम करने की अनुमति के प्रावधान के तहत परामर्श जारी किया गया है.
प्रावधान के तहत, स्तनपान कराने वाली माताओं को दिए काम की प्रकृति यदि ऐसी है कि वे ‘वर्क फ्रॉम होम’ सकती हैं तो नियोक्ता मातृत्व अवकाश के बाद भी आपसी सहमति के आधार पर उन्हें घर से काम करने की इजाजत दे सकता है. वैश्विक महामारी के दौरान स्तनपान कराने वाली महिलाओं और उनके बच्चों के लिए उत्पन्न हुए खतरे के मद्देनज़र श्रम और रोजगार मंत्रालय ने नियोक्ताओं को स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ये परामर्श जारी किया है.